वर्तमान समय में कम्प्यूटर, मोबाइल, वीडियो गेम, सीडी प्लेयर आदि में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के गेम बच्चे ही नहीं, बड़ों को भी आकर्षित करते हैं। वीडियो गेम्स की दिन-प्रतिदिन बढती लोकप्रियता के कारण सभी छोटे-बड़े शहरों के साइबर कैफे में वीडियो गेम के दीवानों की भीड देखी जा सकती है। गेम डिजाइनिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खेलों को कम्प्यूटर में डिजाइन कर चिप में डालकर विभिन्न इंटरटेनमेंट डिवाइसों में इस्तेमाल किया जाता है। पीसी व ऑनलाइन गेम खेलने के शौकीनों के लिए अब मोबाइल पर भी यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। करियर के रूप में इस क्षेत्र में असीमित संभावनाओं के साथ भरपूर रोमांच भी है. यदि आप गेमिंग के आकर्षक और उभरते क्षेत्र में रोमांचक करियर बनाने के इच्छुक हैं, तो आप भी अपनी कल्पना के पंख को फैलाकर गेमिंग के विकल्प में करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। तेजी से उभरते हुए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। नेशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज के आंकडों के मुताबिक, वर्ष 2010 तक भारत में गेमिंग का कारोबार लगभग 10 अरब डॉलर तक हो जाने की संभावना है। गेमिंग करियर का सबसे बडा लाभ यह है कि इसमें आप मनोरंजन के साथ-साथ अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।
मुख्य धाराएंगेम डेवलपमेंट एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें रचनात्मकता, प्रतिभा व अनुभव के साथ उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकती है। इसकी मुख्य धाराएं हैं- डिजाइन, प्रोग्रामिंग, आर्टवर्क, कंटेन्ट क्रिएशन व टेस्टिंग आदि। आइए जानते हैं इनके बारे में थोडे विस्तार से..
आर्टिस्टकिसी भी गेम में लोगों को आकर्षित करने के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस क्षेत्र में आर्ट डायरेक्टर, कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट, कैरेक्टर मॉडलर, कैरेक्टर एनिमेटर, एनवॉयरनमेंटल 3डी आर्टिस्ट, इफेक्ट्स आर्टिस्ट आदि के रूप में करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाने के लिए फाइन आर्ट्स या इससे संबंधित डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है। पेंटिंग, ड्रॉइंग, कलर थ्योरी, स्कल्पचर और डिजाइनिंग के मूलभूत सिद्धांतों की जानकारी हासिल करने से रचनात्मक दक्षता का विकास होता है। वैसे, एक आर्टिस्ट के लिए विजुअल इमेजिनेशन सबसे जरूरी है। अगर आप में अपनी कल्पना शक्ति के सहारे किसी भी चीज को खूबसूरत स्वरूप देने की क्षमता है, तो आर्टिस्ट बनने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
गेम डिजाइनरगेम डिजाइनर किसी भी गेम का ब्ल्यू प्रिंट तैयार करता है और उसे अंतिम स्वरूप देता है। टीम में गेम डिजाइनर के कई स्तरों के पद होते हैं, जैसे-लेवल डिजाइनर्स, राइटर-डिजाइनर्स, लीड गेम डिजाइनर आदि।
प्रॉडयूसरगेमिंग और एनिमेशन इंडस्ट्री में प्रॉडयूसर का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। पूरी टीम का मुखिया होने के नाते सभी कार्यों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी प्रॉडयूसर के ऊपर ही होती है। प्रॉडयूसर के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में निपुणता अनिवार्य है। साथ ही, कम्प्यूटर का ज्ञान भी जरूरी है। संगठन क्षमता, नेतृत्व क्षमता और लगातार लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता जैसे गुण इस करियर के लिए मददगार हो सकते हैं।
प्रोग्रामरकिसी भी गेमिंग टीम के अभिन्न अंग होते हैं - प्रोग्रामर। डिजाइनर, प्रॉडयूसर, साउंड आर्टिस्ट आदि के कार्यो को गेम का स्वरूप देना एक प्रोग्रामर का काम होता है। आमतौर पर प्रोग्रामर ही सभी कार्यों को कम्प्यूटर प्रोग्राम के रूप में तब्दील करने के लिए उत्तरदायी होता है। प्रोग्रामर आइडियाज को कम्प्यूटर के अनुरूप मैथमेटिकल स्वरूप देने की कोशिश करता है। इसके लिए मैथ्स की अच्छी जानकारी जरूरी है। इसके अतिरिक्त सी, सी++, जावा, डायरेक्ट एक्स जैसे कुछ खास प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी भी आवश्यक है.
गेमिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में अध्ययन की सुविधा इंडस्ट्रीयल डिजाइन सेंटर, आईआईटी, पवई, मुंबई तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद में उपलब्ध है।
वार्षिक वेतनगेम डिजाइनिंग में सैलरी 1,80,000 रुपये प्रतिवर्ष से शुरु होकर अनुभव के साथ 10,00,000 रुपये प्रतिवर्ष मिल सकती है।
शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009
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