वर्तमान समय में कम्प्यूटर, मोबाइल, वीडियो गेम, सीडी प्लेयर आदि में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के गेम बच्चे ही नहीं, बड़ों को भी आकर्षित करते हैं। वीडियो गेम्स की दिन-प्रतिदिन बढती लोकप्रियता के कारण सभी छोटे-बड़े शहरों के साइबर कैफे में वीडियो गेम के दीवानों की भीड देखी जा सकती है। गेम डिजाइनिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खेलों को कम्प्यूटर में डिजाइन कर चिप में डालकर विभिन्न इंटरटेनमेंट डिवाइसों में इस्तेमाल किया जाता है। पीसी व ऑनलाइन गेम खेलने के शौकीनों के लिए अब मोबाइल पर भी यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। करियर के रूप में इस क्षेत्र में असीमित संभावनाओं के साथ भरपूर रोमांच भी है. यदि आप गेमिंग के आकर्षक और उभरते क्षेत्र में रोमांचक करियर बनाने के इच्छुक हैं, तो आप भी अपनी कल्पना के पंख को फैलाकर गेमिंग के विकल्प में करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। तेजी से उभरते हुए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। नेशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज के आंकडों के मुताबिक, वर्ष 2010 तक भारत में गेमिंग का कारोबार लगभग 10 अरब डॉलर तक हो जाने की संभावना है। गेमिंग करियर का सबसे बडा लाभ यह है कि इसमें आप मनोरंजन के साथ-साथ अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।
मुख्य धाराएंगेम डेवलपमेंट एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें रचनात्मकता, प्रतिभा व अनुभव के साथ उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकती है। इसकी मुख्य धाराएं हैं- डिजाइन, प्रोग्रामिंग, आर्टवर्क, कंटेन्ट क्रिएशन व टेस्टिंग आदि। आइए जानते हैं इनके बारे में थोडे विस्तार से..
आर्टिस्टकिसी भी गेम में लोगों को आकर्षित करने के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस क्षेत्र में आर्ट डायरेक्टर, कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट, कैरेक्टर मॉडलर, कैरेक्टर एनिमेटर, एनवॉयरनमेंटल 3डी आर्टिस्ट, इफेक्ट्स आर्टिस्ट आदि के रूप में करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाने के लिए फाइन आर्ट्स या इससे संबंधित डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है। पेंटिंग, ड्रॉइंग, कलर थ्योरी, स्कल्पचर और डिजाइनिंग के मूलभूत सिद्धांतों की जानकारी हासिल करने से रचनात्मक दक्षता का विकास होता है। वैसे, एक आर्टिस्ट के लिए विजुअल इमेजिनेशन सबसे जरूरी है। अगर आप में अपनी कल्पना शक्ति के सहारे किसी भी चीज को खूबसूरत स्वरूप देने की क्षमता है, तो आर्टिस्ट बनने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
गेम डिजाइनरगेम डिजाइनर किसी भी गेम का ब्ल्यू प्रिंट तैयार करता है और उसे अंतिम स्वरूप देता है। टीम में गेम डिजाइनर के कई स्तरों के पद होते हैं, जैसे-लेवल डिजाइनर्स, राइटर-डिजाइनर्स, लीड गेम डिजाइनर आदि।
प्रॉडयूसरगेमिंग और एनिमेशन इंडस्ट्री में प्रॉडयूसर का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। पूरी टीम का मुखिया होने के नाते सभी कार्यों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी प्रॉडयूसर के ऊपर ही होती है। प्रॉडयूसर के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में निपुणता अनिवार्य है। साथ ही, कम्प्यूटर का ज्ञान भी जरूरी है। संगठन क्षमता, नेतृत्व क्षमता और लगातार लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता जैसे गुण इस करियर के लिए मददगार हो सकते हैं।
प्रोग्रामरकिसी भी गेमिंग टीम के अभिन्न अंग होते हैं - प्रोग्रामर। डिजाइनर, प्रॉडयूसर, साउंड आर्टिस्ट आदि के कार्यो को गेम का स्वरूप देना एक प्रोग्रामर का काम होता है। आमतौर पर प्रोग्रामर ही सभी कार्यों को कम्प्यूटर प्रोग्राम के रूप में तब्दील करने के लिए उत्तरदायी होता है। प्रोग्रामर आइडियाज को कम्प्यूटर के अनुरूप मैथमेटिकल स्वरूप देने की कोशिश करता है। इसके लिए मैथ्स की अच्छी जानकारी जरूरी है। इसके अतिरिक्त सी, सी++, जावा, डायरेक्ट एक्स जैसे कुछ खास प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी भी आवश्यक है.
गेमिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में अध्ययन की सुविधा इंडस्ट्रीयल डिजाइन सेंटर, आईआईटी, पवई, मुंबई तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद में उपलब्ध है।
वार्षिक वेतनगेम डिजाइनिंग में सैलरी 1,80,000 रुपये प्रतिवर्ष से शुरु होकर अनुभव के साथ 10,00,000 रुपये प्रतिवर्ष मिल सकती है।
शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009
मॉडलिंग करियर
सुष्मिता सेन, ऐश्वर्य राय, प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता ने ‘मिस यूनिवर्स’ तथा ‘मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर मॉडलिंग करियर को एक नया आयाम दिया है. शोषण का पर्याय माने जाने वाले इस पेशे को अब एक सम्मानजनक पेशे के रूप में देखा जाता है. जहां युवा न केवल एक ग्लैमरस व धन संपन्न पेशे की नींव रख रहे हैं बल्कि दुनिया भर में भारतीय सभ्यता, संस्कृति व सौंदर्य का लोहा मनवाकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
मॉडलिंग के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अदिति गोवित्रिकर जैसी पेशेवर डॉक्टर तथा राहुल देव जैसे कमर्शियल पायलट ने मॉडल बनने के लिए अपने व्यवसाय का त्याग किया.मॉडल बनने के लिए योग्यतामॉडल बनने के लिए अच्छे नैन-नक्श के साथ सही दृष्टिकोण या अभिवृति अधिक अनिवार्य है। मॉडलिंग का अर्थ घंटों तक निरंतर मेहनत करने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त आपको नवीनतम फैशन परिपाटी से हमेशा अवगत रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त स्वस्थ, सुडौल तथा स्फूर्तिवान् होना इस व्यवसाय की पूर्वापेक्षा है
सबसे पहले आपको पोर्टफोलियो तैयार करना होता है। काफी हद तक मॉडल की सफलता पोर्टफोलियो पर निर्भर करती है। पोर्टफोलियो तैयार करना इतना आसान कार्य नहीं है जितना प्रतीत होता है। सही फोटोग्राफर क चुनाव करना जरूरी है, जो नैन-नक्श को कैमरे में कैद कर लेता है तथा विज्ञापनदाता और फैशन डिजाइनर के सामने सबसे सुंदर चेहरे के रूप में प्रस्तुत क्रता है। यह पोर्टफोलियो एजेंसी या कोरियोग्राफर या ऐसे व्यक्ति को दिया जाए, जो शो एवं विज्ञापन अभियान के लिए मॉडल की भर्ती करता है.
शुरुआती दौर में मॉडलिंग कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने में मॉडल समन्वयक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सामान्यत: मॉडल समन्वयक स्वतंत्र उद्यमी होते हैं. ये विज्ञापन एजेंसियों एवं मॉडल के बीच महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में फेमिना मिस इंडिया, ग्रेसिम मिस्टर इंडिया तथा ग्लार्ज सुपर मॉडल द्वारा साझा प्लेटफार्म/मंच तैयार हुआ है। भव्य समारोहों एवं शो के इन विजेताओं के नाम घर-घर तक पहुंचते हैं। विदेशों में मॉडलिंग एजेंसियों के अनुसार मॉडलिंग करानेवाली कुछ एजेंसियां मौजूद हैं। लेकिन ये परिधान प्रदर्शनी तथा मनोरंजन कंपनियों के रूप में कार्य करती हैं। इन·ी सूची नीचे दी गई है।
ब्वॉयज इवेंट्स एंड एंटरटेनमेंट काउंसिल ट्रेड की दृष्टि से मॉडलिंग को बढ़ावा दे रही है। ये पोर्टफोलियों शूट करती हैं और उनके लिए कार्य ढूंढती हैं। इंटरनेट पर ऐसी विभिन्न साइट्स हैं, जहां इच्छुक/उभरते हुए मॉडल अपनी तस्वीर तथा परिचय भेजते हैं। इनमें से कुछ साइट मॉडलिंग करियर डॉट कॉम, द रैम्प डॉट कॉम इत्यादि हैं।
नए मॉडल्स प्रति माह पांच हजार से सात हजार रुपए तक कमा सकते हैं। यह आमदनी प्रचार अभियान के प्रचार पर निर्भर करती है। जबकि प्रतिष्ठित मॉडल प्रतिमाह पचास हजार से एक लाख रुपए तक कमा सकते है
मॉडलिंग के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अदिति गोवित्रिकर जैसी पेशेवर डॉक्टर तथा राहुल देव जैसे कमर्शियल पायलट ने मॉडल बनने के लिए अपने व्यवसाय का त्याग किया.मॉडल बनने के लिए योग्यतामॉडल बनने के लिए अच्छे नैन-नक्श के साथ सही दृष्टिकोण या अभिवृति अधिक अनिवार्य है। मॉडलिंग का अर्थ घंटों तक निरंतर मेहनत करने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त आपको नवीनतम फैशन परिपाटी से हमेशा अवगत रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त स्वस्थ, सुडौल तथा स्फूर्तिवान् होना इस व्यवसाय की पूर्वापेक्षा है
सबसे पहले आपको पोर्टफोलियो तैयार करना होता है। काफी हद तक मॉडल की सफलता पोर्टफोलियो पर निर्भर करती है। पोर्टफोलियो तैयार करना इतना आसान कार्य नहीं है जितना प्रतीत होता है। सही फोटोग्राफर क चुनाव करना जरूरी है, जो नैन-नक्श को कैमरे में कैद कर लेता है तथा विज्ञापनदाता और फैशन डिजाइनर के सामने सबसे सुंदर चेहरे के रूप में प्रस्तुत क्रता है। यह पोर्टफोलियो एजेंसी या कोरियोग्राफर या ऐसे व्यक्ति को दिया जाए, जो शो एवं विज्ञापन अभियान के लिए मॉडल की भर्ती करता है.
शुरुआती दौर में मॉडलिंग कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने में मॉडल समन्वयक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सामान्यत: मॉडल समन्वयक स्वतंत्र उद्यमी होते हैं. ये विज्ञापन एजेंसियों एवं मॉडल के बीच महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में फेमिना मिस इंडिया, ग्रेसिम मिस्टर इंडिया तथा ग्लार्ज सुपर मॉडल द्वारा साझा प्लेटफार्म/मंच तैयार हुआ है। भव्य समारोहों एवं शो के इन विजेताओं के नाम घर-घर तक पहुंचते हैं। विदेशों में मॉडलिंग एजेंसियों के अनुसार मॉडलिंग करानेवाली कुछ एजेंसियां मौजूद हैं। लेकिन ये परिधान प्रदर्शनी तथा मनोरंजन कंपनियों के रूप में कार्य करती हैं। इन·ी सूची नीचे दी गई है।
ब्वॉयज इवेंट्स एंड एंटरटेनमेंट काउंसिल ट्रेड की दृष्टि से मॉडलिंग को बढ़ावा दे रही है। ये पोर्टफोलियों शूट करती हैं और उनके लिए कार्य ढूंढती हैं। इंटरनेट पर ऐसी विभिन्न साइट्स हैं, जहां इच्छुक/उभरते हुए मॉडल अपनी तस्वीर तथा परिचय भेजते हैं। इनमें से कुछ साइट मॉडलिंग करियर डॉट कॉम, द रैम्प डॉट कॉम इत्यादि हैं।
नए मॉडल्स प्रति माह पांच हजार से सात हजार रुपए तक कमा सकते हैं। यह आमदनी प्रचार अभियान के प्रचार पर निर्भर करती है। जबकि प्रतिष्ठित मॉडल प्रतिमाह पचास हजार से एक लाख रुपए तक कमा सकते है
आपका व्यक्तित्व
कहते हैं कि सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती। क्योंकि ऐसे लोगों की एक लम्बी सूची है, जिन्होंने कम उम्र में ही सफलता का स्वाद चख लिया है। बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि जीवन में पाने को बहुत कुछ है। जीवन में कभी भी थोड़ा पाकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए, इससे विकास के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण बाते हैं, जो आपको कम्पनी में एक बेहतर स्थान और आगे बढ़ने की राह दिखाएँगी-* आपका व्यक्तित्व- अगर आप चाहते हैं कि आप कम्पनी में ऊँचे पद पर पहुँचे तो उसके के लिए खुद ही प्रयास करने होंगे। खुद का व्यक्तित्व स्वयं ही सुधारें। व्यवहारिक बनें, लोगों से सम्पर्क बनाएँ, अंतर्मुखी न बनें। आपको शांत, व्यवस्थित और आत्मविश्वासी होना चाहिए क्योंकि कोई भी ऐसे व्यक्ति के साथ काम नहीं करना चाहेगा, जो बुझा-बुझा सा और निरुत्साहित हो। * अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें- भाषा में अशुद्धता और गलत जगह गलत शब्दों का प्रयोग आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपके सहयोगी आपके अनुभवों को दरकिनार कर दे और आपके अल्प ज्ञान की खिल्ली उड़ाएँ। ऐसा कोई शब्कोश नहीं कि जिसे देखकर आप अपना ज्ञान बढ़ा सकें। ऐसा देखा जाता है कि जिन लोगों के पास बेहतर 'कम्युनिकेशन स्किल' होती है, उनकी स्थिति कम्पनी में काफी सुदृढ़ होती है। * आपके काम में स्वाभाविकता होनी चाहिए- आपके सुझाव बिल्कुल नए और स्वाभाविक होने चाहिए। यह किसी की देखा-देखी पर आधारित नहीं होना चाहिए। किसी भी समस्या पर जब आप सुझाव दें उसके हर आयाम पर आपके विचार स्पष्ट होने चाहिए। आपके पास जो संसाधन हैं उसका भरपूर उपयोग करें। * सावधानी से सम्भालें अपनी जिम्मेदारियाँ- मैनेजर के पद पर बैठे व्यक्ति से यह उम्मीद की जाती है कि उसमें 'पीपुल मैनेजमेंट' के गुण होने चाहिए। वक्त से कभी भी समझौता न करें। हर काम अपने समय पर पूरा करवाएँ। अगर जरूरत पड़े तो सख्ती भी बरतें। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि आपकी सख्ती का प्रभाव उनके काम पर तो नहीं पड़ रहा। *अच्छे काम पर शाबाशी देना न भूलें- काम करने के दौरान समूह की भावना को प्राथमिकता दें। क्योंकि कहा जाता है कि 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता'। चीजों को वस्तुनिष्ठ होकर देखें। जिस भी व्यक्ति ने बेहतर काम किया है उसके काम की तारीफ करना न भूलें। अपनी टीम को साथ लेकर चलने का प्रयास करें। विचारों का आदान-प्रदान करते रहें।
बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग)
बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) इंडस्ट्री भारत में तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है. यह सूचना प्रौद्योगिकी सक्रिय सेवा उद्योग का तेजी से विकसित होता क्षेत्र है. बीपीओ का अर्थ सभी क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग को विकसित करना होता है. बीपीओ में उपभोक्ता सहायता सेवा, टेलीमार्केटिंग सेवाएं, तकनीकी सहायता सेवा, आईटी कर्मचारी हेल्प-डेस्क, बीमा सेवा, डेटा प्रविष्टि सेवा, डाटा रूपांतरण सेवा, ऑनलाइन रिसर्च सेवा, फार्म प्रोसेस सेवा के साथ ओसीआर स्कैनिंग आदि विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है .
भारत में बीपीओ करियर में संभावनाएं बीपीओ क्षेत्र में करियर के शुरुआती दौर में आसानी से जॉब हासिल की जा सकती है. अधिकांश बीपीओ कर्मचारियों को घर में ही प्रशिक्षण प्रदान करते है. आमतौर पर, किसी भी विषय में स्नातक के साथ उम्मीदवार बीपीओ कंपनियों में शामिल हो सकते हैं. इनमें किसी भी शैक्षणिक विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती और न ही कोई उम्र सीमा. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को परिवहन आदि उत्कृष्ट सुविधाओं के साथ अच्छा वेतन भी प्राप्त होता है. अच्छा वेतन, आकर्षक जीवन शैली व कार्य समय के लचीलेपन के कारण बड़ी संख्या में युवा इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
बीपीओ उद्योग के नकारात्मक अंक जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र के भी कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं. एक बीपीओ क्षेत्र में एक करियर चुनने से पहले सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं के बारे में एक स्पष्ट विचार अवश्य कर लेना आवश्यक है. लंबे समय तक देर रात काम करने की वजह से अक्सर लोग थकाऊ और नीरस महसूस करने लगते हैं. कुछ लोग उच्च शिक्षा, उच्च वेतन बेहतर स्कोप के लिए बीपीओ उद्योग को छोड़ देते हैं. भारत में प्रतिष्ठित बीपीओ कंपनियांबीपीओ उद्योग में बढ़ती संभावनाओं के साथ, कई शीर्ष क्रम सॉफ्टवेयर कंपनियों ने अपने बीपीओ केन्द्र स्थापित किए हैं. वर्तमान परिवेश में बीपीओ उद्योग एक लाभदायक उद्योग है. भारत की कुछ जानी मानी बीपीओ कंपनियां हैं, डब्लयू एन एस ग्रुप, कनवर्जिस, जिन्टा, ईएक्सएल, द्क्ष ई-सर्विस, एचसीएल, जीटीडी लि., एचटीएमटी तथा 24/7 कस्टमर इत्यादि.
ये भारत की उत्कृष्ट कंपनियां हैं, जहां कर्मचारी के आकार, कार्यदक्षता, जॉब संतुष्टि व वृद्धि, वेतन और मुआवज़ा, प्रशिक्षण, कंपनी कल्चर और मूल्यांकन प्रणाली जैसे मानदंडों के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराए जाते हैं.
भारत में बीपीओ करियर में संभावनाएं बीपीओ क्षेत्र में करियर के शुरुआती दौर में आसानी से जॉब हासिल की जा सकती है. अधिकांश बीपीओ कर्मचारियों को घर में ही प्रशिक्षण प्रदान करते है. आमतौर पर, किसी भी विषय में स्नातक के साथ उम्मीदवार बीपीओ कंपनियों में शामिल हो सकते हैं. इनमें किसी भी शैक्षणिक विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती और न ही कोई उम्र सीमा. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को परिवहन आदि उत्कृष्ट सुविधाओं के साथ अच्छा वेतन भी प्राप्त होता है. अच्छा वेतन, आकर्षक जीवन शैली व कार्य समय के लचीलेपन के कारण बड़ी संख्या में युवा इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
बीपीओ उद्योग के नकारात्मक अंक जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र के भी कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं. एक बीपीओ क्षेत्र में एक करियर चुनने से पहले सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं के बारे में एक स्पष्ट विचार अवश्य कर लेना आवश्यक है. लंबे समय तक देर रात काम करने की वजह से अक्सर लोग थकाऊ और नीरस महसूस करने लगते हैं. कुछ लोग उच्च शिक्षा, उच्च वेतन बेहतर स्कोप के लिए बीपीओ उद्योग को छोड़ देते हैं. भारत में प्रतिष्ठित बीपीओ कंपनियांबीपीओ उद्योग में बढ़ती संभावनाओं के साथ, कई शीर्ष क्रम सॉफ्टवेयर कंपनियों ने अपने बीपीओ केन्द्र स्थापित किए हैं. वर्तमान परिवेश में बीपीओ उद्योग एक लाभदायक उद्योग है. भारत की कुछ जानी मानी बीपीओ कंपनियां हैं, डब्लयू एन एस ग्रुप, कनवर्जिस, जिन्टा, ईएक्सएल, द्क्ष ई-सर्विस, एचसीएल, जीटीडी लि., एचटीएमटी तथा 24/7 कस्टमर इत्यादि.
ये भारत की उत्कृष्ट कंपनियां हैं, जहां कर्मचारी के आकार, कार्यदक्षता, जॉब संतुष्टि व वृद्धि, वेतन और मुआवज़ा, प्रशिक्षण, कंपनी कल्चर और मूल्यांकन प्रणाली जैसे मानदंडों के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराए जाते हैं.
बुधवार, 18 फ़रवरी 2009
अब ग्रैजुएशन के बाद इग्नू से सीधे MBA
इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवसिर्टी (इग्नू) ने एमबीए के लिए ऐडमिशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब CAT एक्जाम देकर बाहर आते स्टूडेंट्स।यहां एमबीए और दूसरे मैनिजमंट प्रोग्रैम्स में ऐडमिशन के लिए फ्रेश ग्रैजुएट भी अप्लाई कर सकते हैं। अभी तक नौकरीपेशा या तीन साल का अनुभव रखने वाले ही मैनिजमंट प्रोग्रैम में एडमिशन ले सकते थे। ऐडमिशन के लिए होने वाले एंट्रेस टेस्ट में बैठने के लिए ग्रैजुएशन में जनरल कैटिगरी के स्टूडंट को कम-से-कम 50 फीसदी और रिजर्व कैटिगरी के स्टूडंट को 45 फीसदी मार्क्स के साथ पास होना होगा। इग्नू के प्रवक्ता रवि मोहन ने बताया कि जिन छात्रों ने कैट या स्टेट लेवल के किसी एंट्रेस टेस्ट को क्लियर किया है, लेकिन किसी वजह से वहां ऐडमिशन नहीं ले पाए, वे अगर इग्नू से एमबीए करना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए एंट्रेस टेस्ट में बैठने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे छात्रों को इग्नू डाइरेक्ट ऐडमिशन दे देगा। एमबीए के अलावा, डिप्लोमा इन मैनिजमंट (डीआईएम), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मैनिजमंट (पीजीडीआईएम), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन ह्यूमन रिसोर्स मैनिजमंट (पीजीडीएचआरएम), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन फाइनैंशल मैनिजमंट (पीजीडीएफएम), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन ऑपरेशंस मैनिजमंट (पीजीडीओएम) और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मार्किटिंग मैनिजमंट (पीजीडीएमएम) कोर्सेज के लिए ये नए बदलाव लागू होंगे।
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